गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

आरोप लगाते समय कद का भी ध्यान रखा जाये



राहुल गाँधी ने गुजरात में जाकर आरोप लगाया है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सहारा समूह' से ५० करोड़की घूस  खाई !  शुक्र है कि 'पीएम' मोदीने कोई घूस नहीं ली ! राहुलने जो आरोप लगाया है उससे भाजपा और मोदी जी की तौहीन हुई है। क्योंकि भाजपा ने विगत तीन साल में लगभग तीन लाख करोड़ नहीं जुटाए तो क्या ख़ाक किया ? राहुल जी देश भर में सिर्फ पचास करोड़ का झुनझुना बजाते फिर रहे हैं। इतने रुपयों में तो मायावती की एक आमसभा भी नहीं हो सकती।इतने रूपये तो ममताके ड्राइवरकी सीटके नीचे निकल आएंगे !  इतनी रकम से तो भाजपा गुजरात की एक सीट का चुनाव भी नहीं जीत सकती। आरोप लगाते समय भाजपा की हैसियत और उसके कद का ध्यान रकह जाना चाहिए ! आखिर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है उसकी कद्र भी तो कोई चीज है ? इतना बड़ा कुनबा और सिर्फ ५० करोड़ का आरोप ! ये सरासर नाइंसाफी है ! दिल्ली मुबई सूरत गुजरात में तो चायवाला ,भजिएवाला, गोबरवाला भी दस हजार करोड़ से कम नहीं 'हग' रहा है ! दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधान मंत्री ऐसे ही नहीं बन गए मोदी जी !आरोप लगाते समय कद का भी ध्यान रखा जाये !

राहुल गाँधी ने 'सहारा' की जिस सूची का खुलासा किया है उसमें लगभग १०० राजनैतिक पार्टियों का उल्लेख है। ख़ुशी  की बात यह है कि इस सूची में वामपंथ अथवा सीपीएम का नाम नहीं है। चन्दाचोर राजनेताओं और भृष्ट पूँजीवादी पार्टियों को उजागर करने में राहुल गाँधी ने जो सहयोग दिया उसके लिए उन्हें साधुवाद,,! यह बात काबिल ऐ गौर है कि उस सूची में कांग्रेस का भी नाम है ,भले ही उसे कम चन्दा मिला होगा !

राहुल गाँधी के आरोप पर केंद्रीय मंत्री रविशंकरप्रसाद ने कहा है कि पीएम मोदीजी तो 'गंगा मैया' की तरह परम् पवित्र हैं। उनके इस द्विअर्थी सूक्त का भाष्य जरुरी है। एक अर्थ तो सीधा-सीधा है कि मोदीजी उस गंगा की तरह पवित्रहैं जो पुराण अनुसार हजारों साल पहले राजा भगीरथ पृथ्वी पर लायेथे ! लेकिन दूसरा अर्थ वह वास्तविकता दिखा रहा है कि कानपुर , बनारस से लेकर पटना कोलकाता सभी जगह मरे हुए ढोर ,अधजली लाशें , सड़े -गले फूलों का सैलाब - निर्माल्य और गंदगी से 'गंगा मैया' बजबजा रही है। सिर्फ गंगा की ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत की भी यही तस्वीर है। इस बदरंग तस्वीर से मोदी जी की तुलना रविशंकर प्रसाद ने  की है तो बाकई कहना पड़ेगा कि वे विद्वत्ता के उच्च शिखर पर हैं। उन्हें कोटि-कोटि बधाई !

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